एक युवा पालक अपने पिता के आकृति के लिए वासनापूर्ण विचार रखती है, जिससे तनाव बढ़ जाता है। जैसे ही वह उसके साथ जुड़ती है, उसके हाथ भटक जाते हैं, उसकी सांसें थम जाती हैं। एक गर्म मुठभेड़ में उसकी अकथनीय इच्छाएँ प्रज्वलित हो जाती हैं, रेखाएँ धुंधली हो जाती हैं और निषिद्ध जुनून की ज्वाला भड़कने लगती हैं।