तेजस्वी एमआईएलए कैपरी कैवानी उत्सुकता से मेरे दिन की छुट्टी का इंतजार कर रही थी। जैसे ही मैं अंदर आया, उसने एक जंगली, भावुक मुठभेड़ को प्रज्वलित करते हुए मेरे होंठों को उत्सुकता से खा लिया। हमारी वासना एक कट्टर, कठोर पिटाई में बढ़ गई, जिसमें कैपरी का पर्याप्त भोसड़ा परमानंद में उछल रहा था।