विनम्र लोमड़ी ईवा अप्रैल, बंधी हुई और कमजोर, अपनी गहरी इच्छाओं के आगे समर्पण करती है। उसका कैप्टर, जो आनंद और दर्द में विशेषज्ञ है, उसे खिलौनों और कठोर हैंडलिंग से चिढ़ाता है। उसकी परमानंद की चीखें कमरे में गूंजती हैं, उसके पूर्ण समर्पण का वसीयतनामा।