एक युवा, दुबली-पतली किशोरी की मुलाकात उसकी सहेली के पिता से होती है, जो एक संपन्न वृद्ध व्यक्ति है। वह नकदी और उत्साह के लिए उत्सुकता से उसकी इच्छाओं में लिप्त होती है। उनकी मुठभेड़ से एक ज्वलंत जुनून भड़क उठता है, जिससे वह उसके अनुभवी स्पर्श के लिए और अधिक तरस जाती है।